एक गीत, एक ताल, एक नाच, एक जनजाति
छोटानागपुर पठार कुड़मी जनजाति की उद्गम स्थल है I कुड़मी जनजाति के लोग मुख्य रूप से बंगाल, झारखण्ड, ओडिशा, असम, छत्तीसगढ़ में निवास करते है, तथा बांग्लादेश में यह जनजाति मुख्य रूप से मिलती है I कुड़मी जनजाति को मानव विज्ञानी को ने आदिम जनजाति (Primitive Tribe), भुईफूट ( Aboriginals) के रूप में चिन्हित किया है I कुड़मी की मातृभाषा कुड्माली है जो झाड़खंड की क्षेत्रीय भाषाओं की जननी है I इसका मुख्य पेशा कृषि उत्पाद, खाद्य संग्रह, और जंगली जानवरों का शिकार है I कुड़मी जनजाति के संस्कृति को राड़ संस्कृति के नाम से जाना जाता है क्योंकि इनका परिवेश लाल मिट्टी के क्षेत्र में है जिसे कुड्माली में रुगडी कहा जाता है, और ये समुदाय के लोग कठोर जमीन को खेती युक्त बनाते है जो की भारी शारीरिक परिश्रम का काम है, इनके इस लगन और निष्ठा के कारण इस समुदाय को राड़ कहा जाता है एवं इनके संस्कृति को राड़ संस्कृति I राड़ माटी के गुणों को पारदर्शी रूप में कुड़मी के चरित्र में देखा जा सकता है ये लोग गर्मी में कठोर पर पानी की हलकी बूँद में कोमल हो जाते है I
कुड़मी जनजाति के लोग वर्ष में 13 परबो का पालन करते है जो धान के फसल के चक्र, प्राकृतिक घटना पर आधारित है I परब का पहला दिन अखाइन जतरा ( धान को पुवाल से अलग करने वाला अवजार ,जतरा-शुभ दिन ) जिसका अर्थ है कृषि वर्ष का पहला दिन, जिसे माघ महीने के पहला दिन मनाया जाता है I अंतिम दिन के रूप में टुसू (अंतिम) परब को मनाया जाता है जिसका कुड्माली में अर्थ है कृषि वर्ष का अंतिम दिन, इस दिन से खगोलीय घटना में परिवर्तन देखा जाता है, दिन बड़े और रातें छोटी होती है, सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा की और अग्रसर होता है इसलिए इसे मकर परब भी कहते है I कुड़मी समुदाय के पूर्वज उनके पूजनीय है और प्राकृतिक शक्तियाँ जो उनके कृषि में सहयोगी है I पूर्वजों को भूत के नाम से पुकारा जाता है जिसके आशीर्वाद या किसी शुभ या कुछ नए कार्य जैसे नए फसल के बीजों से बने पकवान को खाने से पहले पूर्वजों को समर्पित कर उन्हें भेट देने के बाद ही ग्रहण किया जाता है I कुड़मी समुदाय के लोग शादी, जन्म और मृत्यु किसी भी अवसर पर बिना भुतपीढ़ा के प्रार्थना के कार्य नहीं करते है I कुड़मी जनजाति के लोग बांग्लादेश में अनुसूचित जनजाति और भारत में गैर सरकारी आदिवासी के रूप में चिन्हित है इनमें Indian Succession Act 1865 के नियम लागू नहीं होते है I
Keywords– Kudmi Mahto, Kurmi is a caste, Kudmi is an Aboriginal Community. Kurmi-Mahto Protest.
जोहार
Johar Dhanywad
এই article পড়ে কুড়মি সম্পর্কে বহু নতুন নতুন বিষয় জানতে পারলাম।।।